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सीता-लक्ष्मण संवाद

सीता चौपाई: सुनहु देव रघुवीर कृपाला, यहि मृग की अति सुन्दर छाला। मारहु नाथ इसे तुम जाई, कृपा सिन्धु सुन्दर रघुराई।। सीता प्रोज: प्राणनाथ यह कितना सुन्दर मृग है। इसे पकड लीजिये न। राम: प्रिये! यह हमारे पास ही तो … पढना जारी रखे

रामलीला संवाद में प्रकाशित किया गया | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , | 1 टिप्पणी